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Sunday, December 23, 2018

सपने


रात आती है, पर नींद नहीं , 
और जब उजाला दस्तक देता है
तो नींद खुलती नहींं.
मन को, ना चिंता है, ना डर
ना तन्हाई है, ना गम.
बस, सपनो का इंतझार है.
इसलिये रात आती है, पर नींद नहीं.
सपने आते है पर अकेले नही.
पुरा शेहेर छा जाता है,
मेहकते, चेहकते, रोशन सपने,
रंगीले, साहसी, बहादूर सपने
भूप मैं गाते है सपने,
थाम कर हात मेरा,
ले जाते हैं दूर गगन सपने.
सपनो की उडान आसान हैं
इसलिये, एक नही कई उडाने भरती हू,
सुना है, "Practice makes man perfect."
जी लगा कर कोशिश करती हू.
एक रात ऐसी आयेगी, मै सो जाऊंगी.
उजाला दस्तक देगा, तो आँख खुल जायेगी.
सुनहेरी धूपमे, मै उडान भरुंगी.
वो उडान मेरी होगी, सिर्फ सपनो की ना होगी..
ऊस दिन तक, मै सपनो का इंतजार करुंगी...

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